IGCSE Hindi (Second Language) Paper-1: Specimen Questions with Answers 14 - 19 of 143
Passage
चम्बा की घाटी पर आधारित निम्नलिखित लेख एक पत्रिका से लिया गया है। इसे ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
चम्बा की घाटी
कला पारखी डा. बोगल ने यूं ही चम्बा को अचंभा नहीं कह डाला था। और इसमें सैलानी भी इस नगरी में यूं ही नहीं खिंचे चले आते। चम्बा की वादियों में ऐसा कोई सम्मोहन जरूर है जो सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देता है और वे बार बार यहां दस्तक देने चले आते हैं। जहां मंदिर में उठती स्वर लहरियां परिवेश को आध्यत्मिक बनाती हैं वहीं रावी की नदी की मस्त रवानगी और पहाड़ो से आते शीतल हवा के झोके से सैलानियों को ताजगी का एहसास कराते हैं। चम्बा का इतिहास, कला, धर्म और पर्यटन का मनोहरी मेल है और चम्बा के लोग अलमस्त, फक्कड़ तबीयत के। चम्बा की पहाड़ियों को ज्यों ज्यों हम पार करते हैं, आश्चर्यों के कई वर्क सामने खुलते चले जाते हैं। प्रकृति अपने दिव्य सौन्दर्य की झलक दिखलाती है। चम्बा के सौन्दर्य को आत्मसात करने के बाद ही डा. बोगल ने इसे अचंभा कहा होगा।
चम्बा का यह सौभाग्य रहा कि उसे एक से एक बड़ा कलाप्रिय, धार्मिक और जनसेवक राजा मिला। इन राजाओं के काल में न सिर्फ यहाँ कि लोककलाएँ फली फूलीं अपितु इनकी ख्याति चम्बा की सीमाओं को पार करके पूरे भारत में फेली। इन कलाप्रिय नरेशों में राजश्रीसिंह (1844) , राजारामसिंह (1873) व राजा भूरि सिंह (1904) के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। वास्तुकला हो या भित्तिचित्रकला, मूर्तिकला हो या काष्टकला, जितना प्रोत्साहन इन्हें चम्बा में मिला शायद ही अन्यत्र कहीं मिला हो। चम्बा कलम शैली ने खास अपनी पहचान बनाई है। किसी घाटी की ऊंचाई पर खड़े होकर देखें तो समूचा चम्बा शहर भी किसी अनूठी कलाकृति जैसा ही लगता है। ढलानदार छतों वाले शहर, शिखर शैली के मंदिर, हरा भरा इसका चौंगान और इसकी पृष्ठभूमि में यूरोपीय प्रभाव लिए महलों का वास्तुशिल्प सहसा ही मन मोह लेता है। यहाँ के प्राचीन रंगमंडल व अखंडचंडीमहल में घूमते हुए अतीत की पदचाप भी सुनी जा सकती है।
चम्बा के संस्थापक राजा साहिल वर्मा ने 920 ई. में इस शहर का नाम अपनी बेटी चम्बा के नाम पर क्यों किया था, इस बारे में एक रोचक किंवदंती प्रचलित है। कहा जाता है कि राजकुमारी चंपावती बहुत ही धार्मिक प्रवृति की थी और नित्य स्वाध्याय के लिए एक साधु के पास जाया करती थी। एक रोज़ राजा को किसी कारणवश अपनी बेटी पर संदेह हो गया। शाम को जब साधु के आश्रम में बेटी जाने लगी तो चपके से राजा ने भी उसका पिछा किया। बेटी के आश्रम में प्रवेश करते ही जब राजा भी अंदर गया तो उसको कोई वहां दिखाई न दिया। लेकिन तभी अंदर से एक आवाज़ गूंजी कि उसका संदेह निराधार है और अपनी बेटी पर शक करने की सज़ा के रूप में उसकी निष्कंलक बेटी छीन ली जाती है। साथ ही राजा को एक मंदिर बनाने का आदेश भी प्राप्त हुआ। चम्बा नगर के ऐतिहासिक चौंगान के पास स्थित इस मंदिर को लोग चमेसनी देवी के नाम से पुकारते हैं। वास्तुकला की दृष्टि से यह मंदिर अदव्तीय है। इस घटना के बाद राजा साहिल वर्मा ने नगर का नामकरण राजकुमारी चम्पा के नाम पर किया, जो बाद में चम्बा कहलाने लगा।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही और गलत का निशान लगाकर दीजिए। साथ ही यह वाक्य भी लिखिए जिसके कारण सही या गलत साबित होता है।
सही गलत
Question 14 (3 of 9 Based on Passage)
Write in Short
Short Answer▾समूचा चम्बा शहर भी किसी अनूठी कलाकृति जैसा ही लगता है। इस वाक्य का कया अर्थ है?
Explanation
ढलानदार छतों वाले शहर, शिखर शैली के मंदिर, हरा भरा इसका चौंगान और इसकी पृष्ठभूमि में यूरोपीय प्रभाव लिए महलों का वास्तुशिल्प सहसा ही मन मोह लेता है। इसलिए यह शहर किसी अनूठी कलाकृति जैसा ही लगता है।
Question 15 (4 of 9 Based on Passage)
Answer
TRUE
Explanation
मंदिर में उठती आवाजें माहौल को आध्यत्मिक बना देती हैं।
Question 16 (5 of 9 Based on Passage)
Explanation
शाम को जब साधु के आश्रम में बेटी जाने लगी तो चपके से राजा ने उसका पिछा किया।
Question 17 (6 of 9 Based on Passage)
Explanation
अपनी बेटी पर शक करने की सज़ा के रूप में उसकी निष्कंलक बेटी छीन ली जाती है। साथ ही राजा को एक मंदिर बनाने का आदेश भी प्राप्त होता हैं।.
Question 18 (7 of 9 Based on Passage)
Answer
FALSE
Explanation
औचित्य-चम्बा के सौन्दर्य को आत्मसात करने के बाद ही डा. बोगल ने इसे अचंभा कहा होगा।
Question 19 (8 of 9 Based on Passage)
Explanation
राजाओं के काल में न सिर्फ यहाँ कि लोककलाएँ फली फूलीं अपितु इनकी ख्याति चम्बा की सीमाओं को पार करके पूरे भारत में फेली। वास्तुकला हो या भित्तिचित्रकला, मूर्तिकला हो या काष्टकला, जितना प्रोत्साहन इन्हें चम्बा में मिला शायद ही अन्यत्र कहीं मिला हो। चम्बा कलम शैली ने खास अपनी पहचान बनाई है।