CIE Hindi Paper-1: Specimen Questions 74 - 75 of 143
Question number: 74
Describe in Detail
मोबाइल फोन पर प्रतिबंध
अगले महीने की पहली तारीख से स्कूल में मोबाइल फोन के प्रयोग पर पाबंदी होगी। कोई भी विद्यार्थी स्कूल में मोबाइल फोन का प्रयोग करते हुए देखा गया तो उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया जाएगा।
आदेशानुसार
प्रधानाचार्य
आपके स्कूल में मोबाइल फोन पर रोक लगाई गई है। आप एक पत्र लिखकर प्रधानाचार्य को अपने विचार व्यक्त किजिए। यह बताइए कि आप इस प्रतिबंध से सहमत हैं या असहमत। आपका पत्र 150 या 200 शब्दों से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
लिखित पत्र पर अंक विषय संंबंधी अंर्तवस्तु, शैली और सही भाषा लिखने पर दिए जाएंगे।
Explanation
उदयपुर
दिनांक: 21 जून, 2015
प्रधानाचार्य महोदय
केंद्रीय विद्यालय
उदयपुर
माननीय महोदय
विषय: -विद्यालय में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने हेतु-
सविनय नम्र निवेदन है कि आपके आदेशनुसार जानकारी मिली है कि आपने विद्यालय में फोन रखने पर प्रतिबंध लगा दिया हैं मैं इस बात से एक तरफ तो सहमत हूं क्योंकि जहां इस फोन के फायदे अनेक है वहां नुकसान भी अधिक है। इससे स्कूल में रहते हुए बच्चों की पढ़ाई का नुकसान भी होता क्योंकि फोन लाने पर बच्चों का पूरा ध्यान केवल मोबाइल पर रहता हैं।
लेकिन दूसरी तरफ इससे मैं सहमत नहीं हूं क्योंकि इस फोन से ओर भी कई फायदे है इससे कई प्रकार की सुविधाएं भी हैं। लेकिन फिर भी आपने बच्चों का भविष्य ध्यान में रखकर यह आदेश निकाला हैं। इसके लिए धन्यवाद।
आपकी आज्ञाकारी
समस्त छात्र व छात्राए।
Passage
हिंदु और तेलुगू के यशस्वी साहित्यकार, बान पत्रिका चंदामामा के पूर्व सम्पादक, प्रसिद्ध बालसाहित्य सर्जक, अनन्य हिन्दी साहित्य साधक डॉ. बालकृष्ण राव का जन्म आन्ध्र प्रदेश में हुआ। उनकी मातृभाषा तेलुगू है। उन्होंने 14 उपन्यास, लगभग दर्जनभर नाटक, कहानी संस्मरण, संस्कृति एवं साहित्य से संबंधित पुस्तकें लिखीं।
बात सन् 1946 की है जब मद्रास में हिंदी प्रचार सभा की रजत जयंती पर महात्मा गांधी जी से बालशौरि की पहली भेंट हुई। गांधी जी के राष्ट्रीय आन्दोलन का 14 सूत्रीय रचनात्मक कार्यक्रम के साथ-साथ हिंदी सीखना भी सम्मिलित था। गांधी जी के विचारों से प्रभावित होकर उन्होंने हिंदी सीखना शुरू किया। आगे चलकर हिंदी की उच्च शिक्षा परीक्षाएं उत्तीर्ण की। हिंदी पढ़ने के लिए काशी तथा प्रयाग भी गए, यहां पर निराला, महादेवी वर्मा, बच्चन जी जैसे बड़े साहित्यकारों से परिचय हुआ और उन्हें लिखने-पढ़ने की प्रेरणा मिली।
तेलुगू और हिन्दी दोनों में उन्होंने समानान्तर रूप से लेखन कार्य किया। बाल मनोविज्ञान से संबंधित विषयों पर पुस्तकें लिखीं। आपकी लगभग सभी श्रेष्ठ तेलुगू रचनाओं का हिंदी में भी अनुवाद हुआ है। गांधी जी का इनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा अपने साहित्य के माध्यम से इन्हीं गांधीवादी मूल्यों को रेखांकित करने की कोशिश की है।
बाल साहित्य लेखन को आपने अधिक मान-सम्मान और पहचान दी है। इसका सबसे बड़ा कारण उनका चंदामामा पत्रिका से जुड़ना था। उन्होंने 1966 में इस पत्रिका का कार्यभार बतौर संपादक संभाला था, उस समय चंदामामा की प्रसार संख्या 75, 000 से बढ़कर 167, 000 तक पहुंच गई थी।
वह कहते हैं कि अहिंदी शब्द से मुझे घृणा है। मैं हिंदी का लेखक हूं, यह कहने में मुझे गर्व महसूस होता है। जब मैं हिंदी में लिखता हूं तो हिंदी का लेखक होता हूं। इसका मेरी मातृभाषा से कुछ लेना-देना नहीं है। बार-बार हमें अहिंदी या ंहंदीतर कहकर अपमानित करने की चेष्टा की जाती है। मेरे लिए यह असहनीय है। मेरे कृतित्व के आधार पर आप मुझे छोटा या बड़ा लेखक निर्धारित कीजिए। यदि मेरी रचना में त्रुटि है तो सम्यक अवलोकन करेन के पश्चात् अपने विचार दें। यदि हिंदी भाषी लोग तेलुगू मेें लिखते हैं, तो उनको मैं अतेलुगू रचनाकार नहीं कहूंगा। मैं गर्व से कहूंगा कि मेरी भाषा के लेखक हैं। तेलुगू में अग्रेंजी, तमिल और अनेक भारतीय भाषाओें के विदव्ानों ने लिखा है, हम बड़े आदर के साथ अपने साहित्य में उनका उल्लेख करते हैं।
Question number: 75 (1 of 7 Based on Passage) Show Passage
Following Statement is true or false:
डॉ. बालकृष्ण राव महात्मा गांधी से मिलने के बाद हिंदी सीखने का निश्चय किया।
Answer
TRUE
Explanation
डॉ. बालकृष्ण राव महात्मा गांधी से मिलने के बाद हिंदी सीखने का निश्चय किया।